यदि आपके घर की चारदीवारी के अंदर की तरफ आग्नेय कोण में थोड़ी खाली जगह है तो आप अनार का पौधा अवश्य लगाएं यह पौधा आकार में बहुत बड़ा नहीं होता इसलिए अधिक स्थान भी नहीं घेरता है अब आपके दिमाग में यह सवाल आएगा कि इसके पीछे ऐसी क्या खास बात है।
आजकल वास्तु के महत्व को लगभग सभी लोग मानने लगे हैं यदि अनजाने में आपके घर में आपने कोई फलदार पौधा वास्तु के विपरीत लगा रखा है और आपको इस बात का पता लग जाता है तो आप उसको तुरंत उखाड़ कर फेंक देंगें चाहे वह कितना ही लाभकारी क्यों ना हो। इसलिए यह ध्यान देना जरूरी है की अनार के पौधे को घर में किस दिशा में लगाया जाए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण अनार के पौधे के लिए सही स्थान है यदि आप अग्नि कोण में इस पौधे को लगाएंगे तो यह आपके लिए अत्यंत सुखदाई व शुभ कारक साबित होगा तथा इससे आपके ग्रह दोष दूर होंगे।
ऐसा माना जाता है कि अनार के पौधे में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों निवास करते हैं, अनार के फूलों को शहद में डुबोकर सोमवार को शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं । पुराने जमाने में अनार की टहनी से बनाई गई कलम यंत्र लिखने के लिए काम में ली जाती थी इसके लिए अष्टगंध की शाही में अनार की कलम को डुबोकर यंत्र लिखा जाता था जिसे ताबीज आदि में डालकर लोग गले में डालते थे आजकल इस तरह का प्रयोग कम ही देखने में मिलता है। इसके अतिरिक्त अनार के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अनेक लाभ हैं इसलिए घर में स्वस्थ , सुख समृद्धि व धन की कामना करने वालों को अनार के पौधे को जरूर लगाना चाहिए।
अनार के फल के गुण:--आयुर्वेद के अनुसार अनार रक्तवर्धक, बलवर्धक, शरीर में जलन, शरीर की गर्मी व पित्त को शांत करने वाला और हृदय संबंधी रोग तथा मुंह की दुर्गंध को दूर करता है इससे बनने वाला शरबत गर्मी के दस्त वह उल्टी रोकने में अत्यंत गुणकारी है, जिनकी त्वचा रूखी है उनको अनार का जूस पीना चाहिए इससे त्वचा का रूखापन दूर होगा और साथ में चेहरे का रंग भी निखर जाएगा।
अनार का पौधा लगाने का समय:--इसे आप अगस्त व मार्च के महीने में लगा सकते हैं इसके लिए दोमट मिट्टी सबसे ज्यादा उपयुक्त रहती है।
अनार की किस्में:-घर में लगाने के लिए आपको एक या दो पौधे की आवश्यकता होती है इसके लिए आप नजदीकी नर्सरी से अच्छी किस्म का कलमी पौधा लाकर लगा सकते हैं। अनार की कुछ अच्छी किस्मों के नाम इस प्रकार हैं
गणेश, ज्योति, मृदुला, काधांरी, सिंदूरी आदि।
अनार के पौधे को रोग से बचाने के लिए उपाय
बाजार में मिलने वाली कीटनाशक दवाओं का प्रयोग ना करें उनमें अनेक प्रकार के केमिकल होते हैं जिनके कई प्रकार के साइड इफेक्ट होते हैं आप घर में ही देसी कीटनाशक तैयार कर सकते हैं इसके लिए आपको लेना है
(1) एक लिटर गोमूत्र
(2) दो लिटर नीम के पत्तों को पानी में उबालकर बनाया गया घोल
दोनों को मिलाकर पौधे पर छिड़काव कर दें।
फूल झड़ने वाले रोग के लिए :--फूलों से ही फल तैयार होते हैं यदि फूल झड़ने लगे तो फल कम तैयार होते हैं
इसके लिए हमें दो चीजों की जरूरत पड़ेगी
1 मुल्तानी मिट्टी
2 गोबर की खाद
पहले पौधे की जड़ों से मिट्टी हटा दें फिर मुल्तानी मिट्टी को जड़ के चारों तरफ डाल दें उसके ऊपर से गोबर की खाद डाल दें और 3 दिन तक कम मात्रा में पानी देते रहे फूलों का झड़ना बंद हो जाएगा।
अनार का पौधा 3 से 4 साल के बीच में फल देना शुरू कर देता है तथा एक सीजन में लगभग 70 से 80 किलो तक एक पौधा फल दे देता है और यह लगभग 25 से 27 वर्ष तक लगातार फल देता रहता है । भारत में अनार की पैदावार महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा होती है आजकल इसकी मांग बढ़ने के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी इसकी खेती बहुतायत से की जाने लगी है।
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