नमस्कार दोस्तों आप सभी का 'उपयोगी बातें' ब्लॉग के एक नए पोस्ट में स्वागत है ! आज हम बात करेंगे सुंदर वादियों के बीच ,विशालकाय पर्वतों के मध्य में स्थित Lahaul and spiti ( Wikipedia lahaul & spiti ) रीजन के बारे में! कोरोना महामारी की वजह से लगे इस लंबे लाॅक डाउन और तनाव भरी स्थिति के बाद अब आखिरकार inter state borders खुल चुके हैं तो अपने दिमाग को फ्रेश करने के लिए पहाड़ों की ओर रुख करना लोग पसंद करते हैं तो आज हम लाहौल स्पीति के बारे में बात करेंगे | एक लंबे अंतराल के बाद पधारने पर लाहौल स्पीति आपको कुछ ऐसी नजरों से स्वागत करेगा मानों वह भी आप से अधिक अकेलापन महसूस कर रहा था! अत्यंत आकर्षक और मन में बस जाने वाले दृश्यों को देखकर आपको यह लगेगा कि आप स्वर्ग में पहुंच गए हैं यह क्षेत्र जितना खूबसूरत है वहां का जनजातीय जीवन उतना ही कठिनाइयों और परेशानियों भरा है ! हिमालय की ऊंची चोटियों मैं बसे में होने के कारण तथा बहुत अधिक उंचाई पर होने के कारण वहां पर ऑक्सीजन की कमी तथा अत्यधिक ठंड लोगों को तथा टूरिस्टों को बहुत...
यदि आपके घर की चारदीवारी के अंदर की तरफ आग्नेय कोण में थोड़ी खाली जगह है तो आप अनार का पौधा अवश्य लगाएं यह पौधा आकार में बहुत बड़ा नहीं होता इसलिए अधिक स्थान भी नहीं घेरता है अब आपके दिमाग में यह सवाल आएगा कि इसके पीछे ऐसी क्या खास बात है। आजकल वास्तु के महत्व को लगभग सभी लोग मानने लगे हैं यदि अनजाने में आपके घर में आपने कोई फलदार पौधा वास्तु के विपरीत लगा रखा है और आपको इस बात का पता लग जाता है तो आप उसको तुरंत उखाड़ कर फेंक देंगें चाहे वह कितना ही लाभकारी क्यों ना हो। इसलिए यह ध्यान देना जरूरी है की अनार के पौधे को घर में किस दिशा में लगाया जाए। वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण अनार के पौधे के लिए सही स्थान है यदि आप अग्नि कोण में इस पौधे को लगाएंगे तो यह आपके लिए अत्यंत सुखदाई व शुभ कारक साबित होगा तथा इससे आपके ग्रह दोष दूर होंगे। ऐसा माना जाता है कि अनार के पौधे में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों निवास करते हैं, अनार के फूलों को शहद में डुबोकर सोमवार को शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं । पुराने जमाने में अनार की टहनी से बनाई गई ...