आज 31 January को दोपहर 2 बजकर 19 मिनट से सोमवती अमावस्या आरंभ होगी। सोमवार को अमावस्या होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। हिंदू धर्म में इसकी बहुत मान्यता है। शास्त्रों में यह वर्णित है की यदि सोमवार को सूर्यास्त से पहले अगर अमावस्या लगती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस अमावस्या को सुहाग और सौभाग्य देने वाली कहा जाता है। इस अमावस्या को भगवान शिव (Lord shiva) , पार्वती के साथ वाट की पूजा की जाती है। इसमें कुछ बातों का ध्यान रखने से शिव की असीम कृपा होती है: 1. तकिए का प्रयोग न करें। 2. पलंग पर न सोए। 3. सुई धागे का प्रयोग करें। 4.नमक का प्रयोग। • इस गौशाला जाना चाहिए और गौ माता को चारा, आटा, चीनी, गुड़ आदि खिलाएं। •गरीबों को खाना खिलाएं , वस्त्र आदि दान करें।
यदि आपके घर की चारदीवारी के अंदर की तरफ आग्नेय कोण में थोड़ी खाली जगह है तो आप अनार का पौधा अवश्य लगाएं यह पौधा आकार में बहुत बड़ा नहीं होता इसलिए अधिक स्थान भी नहीं घेरता है अब आपके दिमाग में यह सवाल आएगा कि इसके पीछे ऐसी क्या खास बात है। आजकल वास्तु के महत्व को लगभग सभी लोग मानने लगे हैं यदि अनजाने में आपके घर में आपने कोई फलदार पौधा वास्तु के विपरीत लगा रखा है और आपको इस बात का पता लग जाता है तो आप उसको तुरंत उखाड़ कर फेंक देंगें चाहे वह कितना ही लाभकारी क्यों ना हो। इसलिए यह ध्यान देना जरूरी है की अनार के पौधे को घर में किस दिशा में लगाया जाए। वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण अनार के पौधे के लिए सही स्थान है यदि आप अग्नि कोण में इस पौधे को लगाएंगे तो यह आपके लिए अत्यंत सुखदाई व शुभ कारक साबित होगा तथा इससे आपके ग्रह दोष दूर होंगे। ऐसा माना जाता है कि अनार के पौधे में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों निवास करते हैं, अनार के फूलों को शहद में डुबोकर सोमवार को शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं । पुराने जमाने में अनार की टहनी से बनाई गई ...