आजकल Bed का हमारे घरों में प्रचलन इस कदर बढ़ रहा है कि चारपाई (खाट) घरों से गायब हो रही है और यदि ऐसे ही चलता रहा तो हमारे पुर्वजों द्वारा सेहत को ध्यान में रखते हुए बनाया गया ये उपकरण लुप्त हो जाएगा।
बेड पर सोने से होने वाले साइड इफेक्ट ( Disadvantages of sleeping on Bed) :
* लोहे का फ्रेम
*प्लाई बोर्ड
*गद्दा (mattress)
लोहे के फ्रेम की कोई दिक्कत नहीं है लेकिन
प्लाई बोर्ड के काफ़ी विपरीत प्रभाव है इसका कारण इसमें प्रयोग होने वाला कैमिकल फार्मल्डिहाइड
(formaldehyde) है। प्लाई बोर्ड प्राकृतिक लकड़ी नहीं होती इसे कारखानों में तैयार किया जाता है।
गद्दे को बनाने में दो चिजों का प्रयोग किया जाता है एक पोलीयूरीथेन फोम(polyurethane foam)दूसरा फाइबर पैड (fiber pad)
पोलीयूरीथेन फोम के भी बहुत से साइड इफेक्ट हैं जैसे कि स्किन एलर्जी व श्वास एलर्जी, गला खराब होना, आंखों में जलन होना आदि।
(2) शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का कम होना:- मानव हमेशा अपने आप को अधिक आरामदायक स्थिति में रखना चाहता है इसके लिए वह ज्यादा कृत्रिम साधनों का प्रयोग करता है एसे में वह प्रकृति से दूर हो जाता है।
(3) बेड में पहले प्लाई बोर्ड लग जाता है और उसके ऊपर मोटा फोम का गद्दा इस कारण निचे से हवा पास नहीं होती ।
हमारे शरीर को cell maintenance के लिए बाहर से हवा की जरूरत होती है जिसे शरीर स्किन के जरिए ग्रहण करता है यदि हवा कम मिले तो शेल कमजोर होने लगते हैं और body का degeneration शुरू हो जाता है अतः इससे हमारी उम्र भी कम हो सकती है।
(4) बेड पर सोते समय नीचे गिरने का खतरा बना रहता है।
(5) ये चारपाई (खाट) के मुकाबले अधिक महंगा होता है।
इसके विपरित चारपाई पर सोने के कोई नुक्सान नहीं होते क्योंकि यह प्राकृतिक लकड़ी से बनाई जाती है इसमें प्रयोग होने वाली रस्सी भी प्राकृतिक होती हैं।
अंत में मैं आपको इतना ही कहुंगा कि चारपाई पर सोएं ताकि आपकी सेहत अच्छी बनी रहे
"जिस घर में नहीं है खाट
उस घर के कैसे ठाठ"
very interesting
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