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आज मैं आपको बतानेे जा रहा हूं पैरों के तलवों की मालिश कैसे करें तथा उसके करने से हमें कितनेे प्रकार के शारीरिक फायदे मिल सकते हैं वैसे तो विश्व्व में अनेक प्रकार की मैसेज थेरेपी (massage therapy)चली हुई हैं लेकिन हर एक आदमी के पास न तो इतना पैसा है और न ही इतना समय अतः इस आसान विधि को ध्यान से पढ़ें और लाभ उठाएं।
पैरों के तलवों की यदि हम सही विधि से मालिश करें तो हमें अनेक रोगों से छुटकारा मिल सकता है और सबसे बड़ी बात ये है कि इस काम को आप स्वयं आसानी से कर सकते हैं दुसरा इसमें अधिक समय जाया नहीं होता और न ही कोई खर्चा आता है इसमें प्रयोग होने वाले तेल आमतोर पर हमारे घरों में मोजूद रहते हैं।
पैरों की मालिश के पीछे मुख्यत दो बातें हैं
(1)हमारे शरीर के विभिन्न अंगों का हमारे पैरों से सीधा संबंध है प्रत्येक अंग के लिए पैर के तलवों में अलग अलग स्थान हैं इनको आप चित्र के द्वारा अच्छी तरह समझ सकेंगे ।
अब चित्र के अनुसार आप जिस रोग से पीड़ित हैं उस स्थान पर मालिश करते समय थोडा अधिक दबाव दें इससे आपको एक्युप्रेशर का लाभ भी साथ में मिल जाएगा।
(2) हमारे शरीर की नसें(nerves) पैर के तलवों में आकर खत्म होती हैं हमारा शरीर अनेक प्रकार की कोशिकाओं (cells)से बना है इन कोशिकाओं का हमारे शरीर के संचालन में विशेष महत्व है जो, भी कार्य किया जाएगा तब कुछ ना कुछ कचरा(Waste) जरूर निकलेगा चाहे वह हमारा शरीर हो या अन्य मशीन उदाहरण के तौर पर जब कोई व्हीकल चलता है तो वह भी धुएं के रूप में कचरा छोड़ता हैं उसी प्रकार जब हमारे शरीर में कोशिकाएं (cells)कार्य करती हैं ये भी कचरा छोड़ती हैं जिसे कोशिकाओं द्वारा छोड़ा गया कचरा (cellular waste) कहा जाएगा। जो कि नसों(nerves) के द्वारा हमारे पैरों के तलवों तक आता है इस कचरे में अनेक प्रकार के कण(crystals)होते हैं जैसे कि यूरिक एसिड, फास्फोरिक एसिड ,कार्बनिक एसिड ,लैक्टिक एसिड ,आदि शरीर के अंदर जितने विषैले तत्व(toxic elements) होते हैं उनको पैर के तलवों द्वारा हम बाहर निकाल सकते हैं ।
तलुओं की मालिश के फायदे
शरीर से विषैले पदार्थ निकालने की सबसे अच्छी विधि है हर रोज पैरों के तलवों की तथा हथेलियों की रगड़ कर मालिश करने से एसिड क्रिस्टल जो फालतू पदार्थ होते हैं टूटने लगते हैं इन टॉक्सिंस की सफाई होने से हमें अनेक प्रकार की बीमारियों से छुटकारा मिलता है यदि हम मालिश खुद करते हैं तो साथ साथ हाथों की मालिश अपने आप हो जाती है।
*गाल ब्लैडर स्टोन होने से बचाती है यदि हमारे शरीर से टॉक्सिन साफ होते रहेंगे तो पित्त की थैली में बनने वाली पथरिया नहीं बनेंगी
*शरीर का रक्त प्रवाह तेज होता है।
*जिनको एड़ियों में दर्द रहता हो तथा पैरों की अंगुलियों सर्दियों में खून जमने से दर्द करती हों (इसके लिए निचे विस्तार से जानकारी दी गई है)
*सिर दर्द था माइग्रेन से छुटकारा मिलता है
*आंखों की ज्योति तेज होती है इसमें अधिक लाभ के लिए गाय के घी से मालिश करें
*मानसिक तनाव कम होता है तथा चिड़चिड़ापन दूर होता है
*नींद अच्छी आती है
*ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में सहायक है
बाय पैर का ह्रदय से सीधा संबंध है अतः नियमित मालिश से हम ह्रदय रोग से भी बचे रह सकते हैं
*यदि मालिश हम खुद करते हैं तो साथ में हाथों की मालिश भी हो जाती है इसके लिए दोनों हाथों से बारी बारी से मालिश करें।
*यदि दिल की धड़कन तेज हो तो पैरों की मालिश करने से सामान्य हो जाती है
*बढ़ा हुआ रक्तचाप कम होता है
*मधुमेह(diabetes) रोग जिसे हम शूगर भी कहते हैं रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और nerves कमजोर पड़ जाती हैं हर रोज मालिश करने से ये दिक्कतें दूर हो जाती हैं
*पैर कटे फटे नहीं रहते और उनकी सुंदरता बढ़ती है
*कठिन परिश्रम के बाद यदि आपको थकान महसूस होती है तो इस मालिश से बहुत आराम मिलता है
पैरों के तलवों की मालिश कैसे करें
मालिश करने के लिए हमें किसी लुब्रिकेंट (चिकना पदार्थ) की आवश्यकता पड़ती है क्योंकि सुखी रगड़़ से पैरों को नुकसान हो सकता है लुब्रिकेंट के लिए तेल सबसे उपयुक्त पदार्थ है मुख्य तौर पर हम तीन प्रकार के तेल प्रयोग कर सकते हैं जिनमें सरसों,तिल व नारियल। गाा गाय का घी भी मालिश के लिए अति उत्तम रहता है और यह सभी मोोोसमस के लिए सही रहता है आखौं की ज्योति बढ़ाने के लिए गाय के घी की मालिश सही रहती है।
सर्दियों में मालिश के लिए सरसों तथा तिल का तेल ठीक रहता है और गर्मी व बरसात के मौसम में नारियल का क्योंकि नारियल के तेल में शीतलता है तथा सरसों और तिल के तेल में उष्णता है। वहीं यदि शरीर में वात की प्रधानता हो तो तिल का तेल फायदेमंद रहता है तथा जिनके शरीर में कफ की प्रधानता है तथा जिनको हमेशा खांसी जुखाम रहता है उनके लिए अलग से तेल तैयार करने की विधि बताता हूं
100 मिलीग्राम सरसों का तेल लेकर उसमें एक छोटी चम्मच अजवाइन डालकर मंदी आंच से कुछ देर गर्म करें और छानकर शीशी में रख लें यह जोड़ों के दर्द में भी अच्छा काम करता है और जिनके पैरों की अंगुलियां सर्दियों में खून जमकर नीली पड़ जाती हैं उनके लिए यह तेल चमत्कारिक है रात को सोने से पहले तेल को गर्म करके अंगुलियों पर मालिश करें इसके बाद हल्के गर्म पानी से पैरों को धोकर जुराब डालकर सो जाएंं।
इस अजवाइन युक्त तेल का एक और बड़ा फायदा
जिन की एड़ियों में दर्द रहता है वो इसका जरूर लाभ उठाएं इसके लिए तेल को गर्म करें और एड़ियों पर अच्छी तरह घुमावदार मालिश करें उसके बाद एक बर्तन में गरम पानी लेकर के 5 मिनट तक एड़़ी को उसके अंदर टिकाए रखें 1 सप्ताह में ही बड़ा लाभ देखनेे को मिलेगा।
मालिश कितनी देर करें--10 मिनट एक पैर की तथा 10 मिनट दूसरे पर की कुल मिलाकर 20 मिनट का समय लगता है सुबह शाम समय निकालकर दोनों वक्त करें जिनको नींद की समस्या है वो रात को देर से करें।
किसको मालिश नहीं करानी चाहिए
कुष्ठ रोगी,अति दुर्बल और क्षय रोगी यानी के जिसको टीबी(tuberculosis) का रोग हो।
आशा करता हूं कि दी गई जानकारी आपको पसंद आएगी और आप इसका लाभ उठाएंगे तथा अपने जानकार लोगों को भी बताएंगे।
नमस्कार

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