आज का हमारा विषय है अग्नीमन्द यानी
digestive insufficiency , जिसका अर्थ साफ झलक रहा है जो की है अग्नी का मन्द हो जाना। आचार्यो ने अग्नी को शरीर के पोषण में प्रधान कारण माना है। यदि जठराग्नी शांत हो जाए तो मनुष्य की मृत्यु हो जाती है। Digestive insufficiency अनेक व्याधियों का लक्षण तथा स्वयं भी एक व्याधि है।
Inadequate digestion of food is know as digestive insufficiency.
लक्षण (Symptoms of indigestion or digestive insufficiency)
1. उदर शूल (pain in abdomen)
2.तोद (pricking pain in the abdomen)
3.दौर्बल्य (weakness)
4.विबंध तथा आध्मान (constipation and tympanitis)
5.अंगमर्द (bodyache)
4.मूखशोस (dryness of mouth)
5.अरुचि (anorexia)
6.तृष्णा (polydypsia and burning sensation)
7.अत्यधिक स्वेद (excessive perspiration)
8.अम्लोदार (acidic eructations)
9.उत्कलेश (nausea)
10.छर्दि (vomiting)
11.कपोल तथा नेत्र कुट मे शोथ (swelling over eyes and face)
12.क्लम (tiredness without exertion)
13.आलस्य (lassitude)
14.स्तब्धता (stiffness)
15. शरीर मे भारीपन (heaviness in the body)
इस व्याधि की उपेक्षा से मुख्यतः अजिर्ण (indigestion) की उत्पत्ति होती है।
उपाय( Remedies) :
अपने आहार विहार को सही करके एक व्यक्ति अपने digestive system को ठीक कर सक्ता है।
आहार:
1. दूषित आहार का सेवन ना करे
2.पौष्टिक आहार गृहण करे (balanced diet)
3.तैलीय आहार का त्याग करे
4 fibrous fruits का पान करे ( जैसे मौसमी आदि)
5.भोजन में मसलों का प्रोयोग कम करे
विहार:-
1.प्रतिदिन व्यायाम करे
2.गलत आदतों को तुरंत प्रभाव से छोड दें( जैसे धूम्रपान (smoking) , मदिरा पान आदि)
3.Avoid food that causes gas
4.भोजन को धीरे-धीरे व अच्छे से चबाकर गृहण करें।
उपरोक्त सभी बात्तों का ध्यान रखने वाले व्यक्ति को अजिर्ण या अग्निमन्ध होना असम्भव है। अब बात करते हैं उन व्यक्तियों की या यूं कहिये रोगियों की जो इस रोग से पीड़ित हैं, उनके लिए नीचे उपाय बताया जा रहा हैं जिन्हें गृहण तथा पालन करने से उनकी व्याधि की समाप्ति संभव है।
Home remedy to cure indigestion :
सामग्री (ingredients):-
1. सौन्फ (fennel seeds) - 100gms.
2.अजवायन (carom seeds)- 50gms.
इन दोनों को तवे (pan) पर हल्का सेक (slight roast) लें, और दोनों को पीसकर, 25 gms. सेंधा नमक मिलाकर, अच्छे से पूरी सामग्री को मिलाकर किसी बर्तन या ड़ीब्बे मे रख लें।
आपकी दवा अब तैयार है, इसे भोजन के बाद एक छोटी चम्मच पानी के साथ गृहण करें।
यह दवा आंतों को शक्ती प्रदान कर आपकी पाचन क्रिया को मजबूत करती है। अजवायन में कृमि नासक गुण होतेे हैं , इसलिये यह पेेेट के कीड़ो को मारने मे भी सहायक है। यह शरीर से विष युक्त्त पदार्थों को बाहर निकालती है।(good toxin cleaner)
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