त्रिफला चूर्ण के कुछ प्रयोग जो स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी फायदेमंद है।
कब्ज को दूर करने के लिए कब्ज को दूर करने के लिए आमतौर पर यह दो प्रकार से बनाया जाता है
- जिनका कोष्ठ मृदु है यानी जिनको कम दस्तावर दवा से ही दस्त लग जाते हैं उन्हें इन तीनों फलों को बराबर मात्रा में प्रयोग करना चाहिए यानी के हरड़ बहेड़ा और आंवला तीनों संभाग लेकर इसका चूर्ण तैयार करके रख लें।
- जिनका क्रूर कोष्ठ है यानी कि जिनको मुश्किल से दस्त लगता है उनके लिए मात्रा :-- उनके लिए हरड़ की मात्रा थोड़ी बढ़ा देनी चाहिए यानी कि दो भाग लेना चाहिए क्योंकि हरड़ ही ज्यादा दस्तावर होती है आंवला और बहेड़ा को तो हरड़ के दोष को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता! कब्ज के लिए त्रिफला चूर्ण को रात्रि में गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए।
मोटापे को कम करने के लिए त्रिफला का प्रयोग:-
इसके लिए तीनों चीजें बराबर मात्रा में लें और चूर्ण तैयार रख ले एक चम्मच चूर्ण रात को एक गिलास पानी में भिगो दें (गिलास कांच का होना चाहिए क्योंकि किसी धातु के साथ यह रासायनिक क्रिया करता है जिससे धातुओं के इसमेंं घुलने की संभावना रहती है)
सुबह उसको हल्का गर्म करके छान लें गुनगुना रहे तब उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर खाली पेट सेवन करें यह मोटापे को कम करने में अत्यंत लाभदायक होगा दूसरा इससे पेट के अन्य रोग जैसे कब्ज आदि भी दूर होंगे।
बालों को काला व मुलायम रखने के लिए:--
एक चम्मच त्रिफला चूर्ण रात को एक लोहे के बर्तन में भिगो दें, बर्तन कलीदार ना हो क्योंकि कलाई दार बर्तन में लोहा त्रिफला चूर्ण में नहीं मिल पाता!सुबह उसकी घुटाई करके बालों पर लगाएं इसे 20 मिनट तक लगाए रखें उसके बाद साफ कर ले कुछ दिन प्रयोग करने से आपके बाल मुलायम व मजबूत होंगे तथा जिनके बाल समय से पहले सफेद हो गए हैं यह प्रयोग उनको काला करने में भी सहायक है।
आयुर्वेदिक रसायन के लिए त्रिफला का सेवन :-
त्रिफला चूर्ण के साथ मुलेठी चूर्ण तथा मिश्री मिलाकर 1साल तक लगातार सेवन करने से आयु की वृद्धि होती है और समस्त रोगों से छुटकारा मिलता है तथा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है जिनका कई वर्षों से पेट खराब है तथा पुरानी देश की बीमारी है या अम्लपित्त जिसे एसिडिटी कहा जाता है उसमें यह प्रयोग अवश्य करना चाहिए इसके लिए 1 किलो त्रिफला चूर्ण में 250 ग्राम मुलेठी चूर्ण मिलाएं तथा 250 ग्राम मिश्री मिलाएं
इसे एक एक चम्मच सुबह शाम पानी से सेवन करें वैसे तो शहद के साथ यह ज्यादा गुणकारी होता है लेकिन शहद के साथ लेने पर कई प्रकार के परहेज हो जाते हैं जैसे खटाई लाल मिर्च गुड़ शक्कर आदि ।

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