आज हम बात करेंगे मक्खन के गुणों के बारे में यदि आपको घी और मक्खन दोनों में से खाने के लिए एक का चुनाव करना पड़े तो आपको मक्खन ही चुनना चाहिए क्योंकि मक्खन घी के मुकाबले सुपाच्य होता है ! छोटे बच्चों तथा बहुत कमजोर के लिए घी की बजाय मक्खन का प्रयोग ही करना चाहिए मक्खन में बस एक ही कमी है कि यह लंबे समय तक स्टोर नहीं रह सकता क्योंकि इसमें छाछ मिली होती है जिसके कारण यह जल्दी खट्टा हो जाता है संस्कृत में इसे नवनीतक कहा गया है! मक्खन का कितना महत्व है यह इसी बात से पता लग जाता है कि भगवान श्री कृष्ण को भी मक्खन सबसे प्रिय था।
आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रंथ चरक संहिता में मक्खन के बारे में लिखा है नवनीत यानी के ताजा निकाला वह मक्खन मल को बांधने वाला अग्नि वर्धक हृदय को प्रिय लगने वाला यानी कि हृदय के लिए हितकारी होता है यह ग्रहणी रोग जिसमें बार-बार दस्त लगते हैं खाया पिया पचता नहीं और अर्ष जिसको बवासीर भी कहते हैं इन रोगों को दूर करता है और अर्दित जिसे मुंह का लकवा भी कहते हैं इस रोग में भी मक्खन का सेवन हितकारी बताया गया है एवं यह अरुचि का नाश भी करता है
आचार्य भाव मिश्र द्वारा लिखित भावप्रकाश निघंटू के अनुसार मक्खन के गुण गाय का मक्खन हितकारी , वर्ण को उत्तम करने वाला, बल तथा अग्नि को बढ़ाने वाला ,मल , को बांधने वाला एवं वात, पित्त, रक्त विकार, क्षय, अर्श, अर्दित तथा काश को दूर करने वाला होता है तथा यह बालक और वृद्धौं के लिए हितकर एवं विशेष करके शिशु यानि छोटे बच्चे हैं उनके लिए अमृत के समान गुणकारी होता है ।

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