नई स्टडीज में पता चला है कि कैंसर सेल्स भालू जानवर की तरह हाइबरनेशन में चले जाते हैं जब उन्हें कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट दिया जाता है ! और जब कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट बंद हो जाता है तब वह दोबारा एक्टिव हो जाते हैं
जब ह्यूमन कोलोरेक्टल कैंसर सेल्स पर प्रीक्लिनिकल रिसर्च की गई तो पता चला कि वह एक लो मेंटेनेंस ड्रग टोलरेंट परसिस्टर स्टेट में चले गए यानी के कैंसर सेल्स कुछ समय के लिए शांत हो जाते हैं ना वह घटते हैं ना वह बढ़ते हैं ,जोकि कुछ हद तक कीमोथेरेपी की असफलता को समझने में मदद करता है!
जैसे कि कुछ जानवर रिवर्सिबल और स्लो डिवाइडिंग स्टेट में चले जाते हैं इस अवस्था में वह अपने शरीर की एनर्जी को बचा पाने में कामयाब रहते हैं और विपरीत वातावरण से भी मुकाबला कर लेते हैं , ठीक वैसे ही कैंसर सेल्स भी स्लो डिवाइडिंग स्टेट में जाकर सरवाइव करते हैं
रिसर्च में यह भी देखा गया कि जो कोलोरेक्टल कैंसर सेल्स थे वह हाइबरनेशन स्टेट में चले गए जब कीमोथेरेपी ड्रग्स मौजूद थे और तब उन सेल्स ने बढ़ना बंद कर दिया और बहुत कम न्यूट्रिशन लेने लगे ! जिंदा रहने के लिए ।
चूहे पर जब एक्सपेरिमेंट्स किए गए तो पता चला की ट्रीटमेंट के दौरान बहुत ही कम ट्यूमर की ग्रोथ हुई लेकिन जब ट्रीटमेंट रुका तो ट्यूमर काफी तेजी से बढ़ने लगा।
Researchers - Aaron Schimmer, Catherine O'Brien

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