"बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद" यह कहावत तो आपने खूब सुनी होगी इसका अर्थ है की मूर्ख को गुणों की परख नहीं होती इस कहावत से ही इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है की अदरक अनेक गुणों से युक्त है बस इसे थोड़ा दिमाग लगाकर समझने की जरूरत है की यह कितनी गुणकारी है !इसका किस तरह सही प्रयोग किया जा सकता है यही सब समझने के लिए मैं आपसे इसकी जानकारी साझा करने जा रहा हूं।
अदरक को मूल रूप से दक्षिणी एशिया का पौधा माना गया है लेकिन अब यह विश्व के अनेक भागों में उगाई जाती है अदरक के लिए गरम व नमी वाले मौसम की आवश्यकता होती है भारत में मेघालय व केरल में अदरक की खेती बहुतायत से की जाती है।
अदरक बहुत ही उपयोगी जडीबुटी (spice) है इसके अनेक उपयोग किए जाते हैं जैसे खाने में ,चाय में ,दवाई में और आचार व सिरका बनाने में !खांसी जुखाम के लिए भारत में प्राचीन काल से अदरक का उपयोग शहद के साथ मिलाकर किया जाता है यदि इसमें तुलसी और डाल दी जाए तो यह और अधिक गुणकारी हो जाती है सर्दी के मौसम में इसके प्रयोग से आप की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आपका शरीर सर्दी के मौसम में होने वाली फल्यू आदि बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है अदरक में कफ निसारक गुण होने से यह फेफड़ों में जमे हुए कफ को आसानी से बाहर निकाल देता है !आयुर्वेद में तो काफी दवाइयों में इसका प्रयोग होता है जैसे अदरक की अवलेह व खांसी की सिरप आदि !खांसी व बिगड़ा हुए जुकाम (sinus)आदी मैं इस अवलेह का प्रयोग काफी असरदार माना गया है कई कंपनियां खांसी का सिरप बनाने में इसका प्रयोग करते हैं उदाहरण के तौर पर डाबर कंपनी द्वारा बनाई गई हनी टस ( Dabur Honitus)
संस्कृत नाम :--आर्दक
अदरक एक महान जड़ी बूटी है। इसका दुनिया में बहुत व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार अदरक के गुण:--
अदरक मलभेदक यानी यानि की कब्ज को दूर करती है, अग्नि को बढ़ाने वाली(भूख बढाने वाली) चरपरी, गरम तथा कफ को नष्ट करने वाली है!
मुलेठी तथा शहद के साथ अदरक के रस का सेवन करने से कंठ की शुद्धि होती है यानी के जिसका गला बैठा हुआ हो उसको ठीक करने का काम करती है ।
प्रयोग ( Uses of Ginger)
1. अदरक का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है जब एक वार्मिंग एजेंट(warming agent) की आवश्यकता होती है।
2. यह अपने शांत प्रभाव के कारण जठरांत्र प्रणाली के लिए बहुत फायदेमंद है।
3. यह एक अच्छा expectorant है
4. ब्रोन्कियल संक्रमण और खांसी और सर्दी के लिए आदर्श जड़ी बूटी।
5. इसके पाचन गुणों के कारण अपच (Indigestion)और मतली (nausea) में प्रभावी।
6. Motion और (morning sickness) सुबह की बीमारी में प्रभावी।
7. कोलेस्ट्रॉल (cholesterol)और ब्लड प्रेशर (Blood pressure)कम करता हैै।
8. यह Sinus क्षेत्र में अतिरिक्त बलगम (mucous) को समाप्त करता है।
# कैसेे इस्तेमाल करे: ( How to use)
1. चाय के रूप में।
2. मुरब्बे के रूप में
3. अचार के रूप में
4. अदरक का पाक बनाकर
5. अदरक की अवलेह बनाकर
6. एक Tincture के रूप में।
अदरक में चाय का प्रयोग कैसे किया जाता है यह हम सभी को पता ही है अदरक का मुरब्बा और अचार भी डाला जाता है इनके डालने की विधि अत्याचार व मुरब्बे के समान ही है अदरक का मुरब्बा खाने में सब में होता है यानी किस का तीखापन मोरबी में दूर हो जाता है इसलिए यह है आसानी से सेवन करने योग्य हो जाता है अदरक का मुरब्बा व अचार दोनों ही पेट के लिए हितकर होते हैं यानी कि यह पाचन क्रिया को बढ़ाकर गैस आदि बीमारियों को दूर करने में सहायक है
अदरक का पाक सर्दियों मैं सेवन करने योग्य एक अच्छा योग है जिनकी कफ प्रकृति है, रात दिन छिकें आती रहती हैं तथा नाक से पानी टपकता रहता है या जोड़ों में दर्द रहता है और वृद्ध व्यक्ति इनको सर्दी के मौसम में इस पाक के सेवन से काफी सारे लाभ मिल सकते हैं पाक तैयार करने की विधि इस प्रकार है
अदरक पाक के लिए आवश्यक सामग्री
कद्दूकस से कसी हुई अदरक 500 ग्राम
ग्वारपाठे का गुद्दा 500 ग्राम
दालचीनी पाउडर 50 ग्राम
छोटी इलायची का पाउडर 20 ग्राम
गेहूं का आटा 2 किलो
खांड 1 किलो
देसी घी 500 ग्राम
पहले अदरक व ग्वारपाठे को कढ़ाई मैं डाल कर घी में सेक लें ताकि उनका कच्चा पन दूर हो जाए फिर झर की सहायता से ग्वारपाठे व अदरक को अलग बर्तन में निकाल कर रख ले फिर इसी के अंदर आटा डालकर उसको भून लें इसमें यदि और घी की जरूरत पड़े तो वह ऐड कर लें आटा ठीक प्रकार से आटा ठीक प्रकार से भूनने के बाद कढ़ाई को नीचे उतार लें तथा इसमें अदरक व ग्वारपाठे को मिला लें और और 1 किलो खांड भी इसमें मिला लें ऊपर से दालचीनी ओर इलायची का पाउडर डालकर पुनः अच्छी प्रकार से मिला ले आपका पाक तैयार है इसके आप लड्डू भी बना सकते हैं एक-एक लड्डू सुबह शाम दूध के साथ सेवन करें काफी लाभ वाला योग है । पाक और अवलेह में बस इतना ही फर्क है की अवलेह में मीठे की चाशनी बनाकर प्रयोग की जाती है उसका यह फायदा है की दवा लंबे समय तक खराब नहीं होती ।
Ginger barfi pak बनाने के लिए निशा मधुलिका की वीडियो देखें-
Tincture कैसे बनाते हैं
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√ हर्बल tincture शराब, सिरका (Alcohol vinegar) और ग्लिसरीन(glycerine) में जड़ी बूटियों डुबोकर करके बनाया जाता है।
√ALCHOL TINCTURE-, टिंचर का प्रयोग पाश्चात्य देशों मेंं अधिक किया जाता है वहां पर यह आपको दवाओं के स्टोर पर भी उपलब्ध्ध हो सकते हैं ।

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