आधुनिकता के इस युग में जब हम हर तरह से प्रगति कर रहे हैं,अनेक ऊंचाइयों को छू रहे हैं, तो हमारा जीवन अत्यंत व्यस्त हो गया है जिस से तनाव भी हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है तथा हर दूसरा व्यक्ति इस तरह की जीवन शैली से उपजी समस्या झेल रहा है जैसे एसिडिटी ( Acidity ) , Digestive insufficiency , गैस ,कब्ज ( constipation) जो तनाव के साथ मुफ्त आते हैं। सही समय पर भोजन न करना है , फास्ट फूड खाना यह सब आज की दिनचर्या की सामान्य आदतें हैं और ऐसा होता है दफ्तर में काम के दबाव और बच्चों में पढ़ाई के बोझ की वजह से। हमारे जीवन शैली में बदलाव ही वह कारण है जिसके चलते इन बीमारियों की घटनाओं में इजाफा हो चला है और इनमें सबसे आम जो समस्या है हर आयु वर्ग के लोगों के सामने आती है वह "एसिडिटी" है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब पेट में मौजूद भोजन को पचाने के लिए आवश्यकता से अधिक एसिड निकलता है या फिर खाली पेट होने के बावजूद भी एसिड निकलता है। Smoking factor:- ज्यादा एसिड निकालने में स्मोकिंग की भूमिका अत्यधिक रहती है जो आदमी स्मोकिंग करते हैं उनका गैस्ट्रिक जूस या पेट के तेजाब क...
यदि आपके घर की चारदीवारी के अंदर की तरफ आग्नेय कोण में थोड़ी खाली जगह है तो आप अनार का पौधा अवश्य लगाएं यह पौधा आकार में बहुत बड़ा नहीं होता इसलिए अधिक स्थान भी नहीं घेरता है अब आपके दिमाग में यह सवाल आएगा कि इसके पीछे ऐसी क्या खास बात है। आजकल वास्तु के महत्व को लगभग सभी लोग मानने लगे हैं यदि अनजाने में आपके घर में आपने कोई फलदार पौधा वास्तु के विपरीत लगा रखा है और आपको इस बात का पता लग जाता है तो आप उसको तुरंत उखाड़ कर फेंक देंगें चाहे वह कितना ही लाभकारी क्यों ना हो। इसलिए यह ध्यान देना जरूरी है की अनार के पौधे को घर में किस दिशा में लगाया जाए। वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण अनार के पौधे के लिए सही स्थान है यदि आप अग्नि कोण में इस पौधे को लगाएंगे तो यह आपके लिए अत्यंत सुखदाई व शुभ कारक साबित होगा तथा इससे आपके ग्रह दोष दूर होंगे। ऐसा माना जाता है कि अनार के पौधे में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों निवास करते हैं, अनार के फूलों को शहद में डुबोकर सोमवार को शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं । पुराने जमाने में अनार की टहनी से बनाई गई ...