आधुनिकता के इस युग में जब हम हर तरह से प्रगति कर रहे हैं,अनेक ऊंचाइयों को छू रहे हैं, तो हमारा जीवन अत्यंत व्यस्त हो गया है जिस से तनाव भी हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है तथा हर दूसरा व्यक्ति इस तरह की जीवन शैली से उपजी समस्या झेल रहा है जैसे एसिडिटी (Acidity) , Digestive insufficiency, गैस ,कब्ज (constipation) जो तनाव के साथ मुफ्त आते हैं।
सही समय पर भोजन न करना है , फास्ट फूड खाना यह सब आज की दिनचर्या की सामान्य आदतें हैं और ऐसा होता है दफ्तर में काम के दबाव और बच्चों में पढ़ाई के बोझ की वजह से।
हमारे जीवन शैली में बदलाव ही वह कारण है जिसके चलते इन बीमारियों की घटनाओं में इजाफा हो चला है और इनमें सबसे आम जो समस्या है हर आयु वर्ग के लोगों के सामने आती है वह "एसिडिटी" है।
यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब पेट में मौजूद भोजन को पचाने के लिए आवश्यकता से अधिक एसिड निकलता है या फिर खाली पेट होने के बावजूद भी एसिड निकलता है।
Smoking factor:-
ज्यादा एसिड निकालने में स्मोकिंग की भूमिका अत्यधिक रहती है जो आदमी स्मोकिंग करते हैं उनका गैस्ट्रिक जूस या पेट के तेजाब का उत्पादन बढ़ जाता है।
Easy treatment:-
अधिकतर लोग यह समझ नहीं पाते कि अपनी जीवन शैली में कुछ आसान परिवर्तनों के जरिए इन स्थितियों से बचा जा सकता है जैसे सही समय पर सही चीज खाना थोड़े-थोड़े अंतराल में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन करना चाहिए ।
गैस बनने वाली सब्जियां जैसे पत्ता गोभी ,शलजम आदि से परहेज चाहिए इससे भी एसिडिटी से बचाव होता है और अगर कभी आपको एसिडिटी हो जाए तो एंटासिड की सहायता से आप तुरंत आराम का सकते हैं।
दो चम्मच सौंफ को एक गिलास पानी में शाम को भिगोकर रख दें तथा अगले दिन प्रात काल उठकर उसे छान कर पी लें।
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