नमस्कार दोस्तों,
आज हम बात करेंगे मधुमेह में आयुर्वेद के अनुसार आहार ग्रहण का क्या महत्व है। मधुमेह कैसी बीमारी है जिसमें रक्त शर्करा (Bloog sugar) का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। यह स्थिति लंबे समय बने रहने पर अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
आज हम जानेंगे कि आयुर्वेद के हिसाब से एक मधुमेह के मरीज को क्या खाना चाहिए और किन-किन चीजों का त्याग करना चाहिए।
मधुमेह रोगी को निम्नलिखित चिजो को विभिन्न कल्पनाओं द्वारा बदल -बदल कर ग्रहण कर सकते हैं (can use below items):-
१. पुराना शालि चावल
२. साठी चावल
३. यव (Barley)
४. चना (Gram)
५. अरहर (
६. कुलथी (
७. मूंग (
•भोजन को घृत के स्थान पर तेल से सिद्ध करके खाना चाहिए।
•भोजन में मधु मिलाकर खाना चाहिए।
अपथ्य / न गृहण करने वाले (Avoid):-
१. नया अन्न
२. पिसा हुआ अन्न
३. घृत (Ghee)
४. दुग्ध (Milk)
५. इक्षुविकार (things made of sugarcane)
६. दही (curd)
•सौवीरक,तुषोदक, मैरेय,सुरा,आसव, अधिक जल, खट्टे शरबत नहीं लेने चाहिए।
अगली पोस्ट में Modern Science के हिसाब से डायबिटीज रोगी के आहार के बारे में बात करेंगे, तो कृपया हमारे साथ जुड़े रहे।
Comments
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.