आज हम चर्चा करेंगे पीठ पर मालिश किस तरह की जानी चाहिए तथा उसके क्या फायदे हैं, मालिश प्राचीन चिकित्सा पद्धति में से एक हैं कई बार औषधि से जो काम नहीं होता वह मालिश से हो जाता है तथा इसका खर्चा भी ना के बराबर है यह आप घर में किसी सदस्य की मदद से करवा सकते हैं इसके लिए उपयोग में लाने वाला तेल भी घर पर तैयार कर सकते हैं इन सब के बारे में मैं आपको विस्तार से बताऊंगा। आजकल ज्यादातर लोगों को पीठ के दर्द की शिकायत रहती है चाहे वह कमर का हो या ऊपर सर्वाइकल रीजन का हो कई बार तो दर्द इतना ज्यादा होने लगता है कि उसे सहन कर पाना मुश्किल होता है ऐसे में हम दर्द निवारक दवा (pain killers) का सहारा लेते हैं जिनके अपने अनेक दुष्प्रभाव सामने आते हैं दूसरा हमारे शरीर को उनकी आदत हो जाती है और कोई हल्की-फुल्की दवाइयां उसके बाद काम करना बंद कर देती हैं! यदि हम सही विधि से मालिश करवाएं तो इससे शरीर में रक्त संचार बढ़ता है और मांसपेशियां लचीली होती है मांसपेशियों में आए हुए खिंचाव को मालिश से दूर किया जा सकता है! आजकल कई प्रकार के मालिश प्रचलित है इसके लिए कई प्रकार की मशीनें भी आई हु...
यदि आपके घर की चारदीवारी के अंदर की तरफ आग्नेय कोण में थोड़ी खाली जगह है तो आप अनार का पौधा अवश्य लगाएं यह पौधा आकार में बहुत बड़ा नहीं होता इसलिए अधिक स्थान भी नहीं घेरता है अब आपके दिमाग में यह सवाल आएगा कि इसके पीछे ऐसी क्या खास बात है। आजकल वास्तु के महत्व को लगभग सभी लोग मानने लगे हैं यदि अनजाने में आपके घर में आपने कोई फलदार पौधा वास्तु के विपरीत लगा रखा है और आपको इस बात का पता लग जाता है तो आप उसको तुरंत उखाड़ कर फेंक देंगें चाहे वह कितना ही लाभकारी क्यों ना हो। इसलिए यह ध्यान देना जरूरी है की अनार के पौधे को घर में किस दिशा में लगाया जाए। वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण अनार के पौधे के लिए सही स्थान है यदि आप अग्नि कोण में इस पौधे को लगाएंगे तो यह आपके लिए अत्यंत सुखदाई व शुभ कारक साबित होगा तथा इससे आपके ग्रह दोष दूर होंगे। ऐसा माना जाता है कि अनार के पौधे में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों निवास करते हैं, अनार के फूलों को शहद में डुबोकर सोमवार को शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं । पुराने जमाने में अनार की टहनी से बनाई गई ...